
Budget 2025 date: भारत सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण, केंद्रीय बजट 2025, 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा।
यह परंपरा लगभग 2017 से चली आ रही है, जब बजट पेश करने की तारीख को फरवरी के अंतिम कार्य दिवस से बदलकर महीने
के पहले दिन कर दिया गया। इसका उद्देश्य यह है कि संसद में बजट पर चर्चा और उसकी सिफारिशों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत
(1 अप्रैल) से पहले लागू किया जा सके।
केंद्रीय बजट देश के लिए वित्तीय दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें सरकार अपनी आय और व्यय का पूरा विवरण प्रस्तुत करती है
और आगामी वर्ष के लिए आर्थिक नीतियों का खाता तैयार करती है। बजट न केवल सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के लिए फंड
आवंटित करता है, बल्कि आम जनता, उद्योग, और विभिन्न क्षेत्रों को भी प्रभावित करता है, और 1 फ़रवरी का बजट हमारे शेअर बाजार पे
बहुत असर पड़ेगा आने वाला बजट ही ये निर्धारित करेगा, की मार्केट का क्या होगा।
इसका मुख्य कारण ये है, 2-3 महीनो से मार्केट एक दम नीचे जर रहा, न जाने कितने लोग इसी सदमे में है की आब क्या होगा।
इस समस्या को दूर करने का राम बाण इलाल आने वा बजट है।
बजट 2025 से उम्मीदें
2025 का बजट देश की आर्थिक चुनौतियों और अवसरों के बीच तैयार किया जाएगा। पिछले वर्षों में महामारी के प्रभाव,
वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल और बढ़ती महंगाई के कारण सरकार के सामने संतुलित बजट पेश करने की चुनौती
रही है। इस बार भी, आम जनता को टैक्स राहत, कृषि क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान, और छोटे-मझोले उद्योगों (MSME)
के लिए सहायता की उम्मीद है।इसके अलावा, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था, और नवीकरणीय
ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ा सकती है। वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए भी विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है।
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महत्वपूर्ण तिथियां
- 1 फरवरी 2025: बजट पेश किया जाएगा।
- जनवरी 2025: आर्थिक सर्वेक्षण, जो देश की आर्थिक स्थिति का विस्तृत विवरण देता है, बजट से एक दिन पहले संसद में पेश किया जाएगा।
बजट का महत्व
बजट न केवल सरकारी आय और व्यय का हिसाब-किताब है, बल्कि यह आर्थिक दिशा और प्राथमिकताओं का भी संकेत देता है।
यह आम जनता, किसान, व्यापारी और उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है यह समझने का कि आगामी वर्ष में उनकी
आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा।